इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना (IGNDPS)

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना (IGNDPS) एक केंद्रीय सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य गंभीर विकलांगता वाले व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। 2009-10 में बिहार में राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के हिस्से के रूप में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि महत्वपूर्ण विकलांगता वाले व्यक्तियों के पास अपनी बुनियादी आवश्यकताओं का समर्थन करने और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक स्थिर आय स्रोत हो।

लाभार्थी

यह योजना विशेष रूप से निम्नलिखित के लिए डिज़ाइन की गई है:

  • गंभीर विकलांगता वाले व्यक्ति: पात्र होने के लिए, व्यक्ति को 80% या उससे अधिक विकलांगता का स्तर होना चाहिए, जिसे एक मान्यता प्राप्त चिकित्सा प्राधिकरण द्वारा प्रमाणित किया गया हो।
  • बहिष्करण मानदंड: जो व्यक्ति पहले से ही राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त कर रहे हैं, वे इंदिरा गांधी विकलांगता पेंशन के लिए पात्र नहीं हैं, ताकि लाभों की दोहराव से बचा जा सके।

योजना के लाभ

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना के तहत, पात्र लाभार्थियों को निम्नलिखित प्राप्त होते हैं:

  • मासिक पेंशन: प्रत्येक पात्र व्यक्ति को 300 रुपये प्रति माह प्रदान किए जाते हैं। यह राशि मामूली है, लेकिन यह बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता के रूप में कार्य करती है।

आवेदन कैसे करें

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया में कई चरण शामिल हैं:

  • पात्रता जांच: यह सुनिश्चित करें कि आप पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं, जिसमें 80% या उससे अधिक की प्रमाणित विकलांगता होना और किसी भी राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त नहीं करना शामिल है।
  • दस्तावेज़ तैयारी: आवश्यक दस्तावेज़ जैसे विकलांगता प्रमाण पत्र, पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र) और निवास प्रमाण एकत्र करें।
  • आवेदन जमा करना: अपने आवेदन को स्थानीय सामाजिक कल्याण कार्यालय या सामाजिक सहायता कार्यक्रमों के लिए जिम्मेदार नामित सरकारी कार्यालय में जमा करें। इन कार्यालयों में स्टाफ आवेदन प्रक्रिया के दौरान मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान कर सकते हैं।
  • सत्यापन प्रक्रिया: एक बार आवेदन जमा हो जाने के बाद, यह पात्रता की पुष्टि के लिए सत्यापन प्रक्रिया से गुजरेगा। इसमें दस्तावेज़ सत्यापन और, कुछ मामलों में, अधिकारियों द्वारा घरेलू यात्राएँ शामिल हो सकती हैं।
  • मंजूरी और वितरण: सफल सत्यापन के बाद, पेंशन स्वीकृत की जाएगी, और मासिक राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में वितरित की जाएगी।

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